गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions
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गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions

गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions

राधे राधे आपका हमारे ब्लॉग पर स्वागत है | आज हम बात करेंगे , गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions के बारे मे , आज आज हम जानेंगे की कितने प्रकार के गर्भपात होते है | बहोत लोगों को इस के बारे मे नहीं पता होगा  , अगर आपको जानना ओर अच्छे तरह से समझना हैं | इसके लिए आपको इस  आर्टिकल पूरा पढ़ना पड़ेगा |

गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions

गर्भपात करने के कई तरीके होते हैं, लेकिन सबसे सुरक्षित और प्रभावशाली तरीके के लिए आपको मेडिकल पेशेवर से सलाह लेनी चाहिए। यहां कुछ सामान्य गर्भपात के तरीके हैं:

  1. मेडिकल गर्भपात (गोलियाँ): यह एक सुरक्षित और प्रभावशाली तरीका है। इसमें मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल नाम की दवाइयों का संयोजन किया जाता है। इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए।

  2. सर्जिकल गर्भपात: इसमें डॉक्टर ऑपरेशन करके गर्भ को निकाल देता है। इसमें वैक्यूम अस्पिरेशन (सक्शन मेथड) या डायलेशन और इवैक्युएशन (D&E) तकनीक का उपयोग होता है।

  3. जड़ी-बूटी उपचार: कुछ लोग गर्भपात के लिए घरेलू नुस्खे या आयुर्वेदिक दवाइयों का उपयोग करते हैं, लेकिन इसमें जोखिम होता है और इसके परिणाम भी विश्वसनीय नहीं होते।

  4. स्वयं-उत्पन्न तरीके: कुछ लोग असुरक्षित तरीके से गर्भपात करने की कोशिश करते हैं, जैसे कि दवाओं की अधिक मात्रा लेना, पानी को बहुत गरम करना, या किसी घरेलू नुस्खे का उपयोग करना। ये तरीके खतरे और संक्रमण के लिए खतरनाक होते हैं और मजबूती से अस्वीकार किए जाते हैं।

गर्भपात की प्रक्रिया के संबंध में किसी भी समस्या या संशय के लिए, हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें। आइए जानते विस्तार से ,

गर्भपात के विभिन्न तरीके | Types of abortions

  •  गर्भपात क्या होता है ? What is medical abortion?

मेडिकल गर्भपात एक तरह का गर्भनाशी प्रक्रिया है जिसमें दवाइयों का उपयोग गर्भ को निकालने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया डॉक्टर की निगरानी में होती है और एक सुरक्षित तरीके से होती है जब महिला अनचाहे गर्भ को समाप्त करवाना चाहती है। यहां मेडिकल गर्भपात के कुछ मुख्य बिंदु हैं:

  1. दवाइयों का इस्तेमाल: इस प्रक्रिया में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल जैसी दवाएं इस्तेमाल होती हैं। मिफेप्रिस्टोन गर्भ को ढीला करने और अलग करने में मदद करता है, जबकि मिसोप्रोस्टोल contractions और bleeding को trigger करता है जिससे गर्भ बाहर निकल जाता है।

  2. डॉक्टर की निगरानी: मेडिकल गर्भपात को करवाने से पहले महिला को डॉक्टर से consultation लेना चाहिए। डॉक्टर ultrasound और medical history के आधार पर तय करेंगे कि क्या यह प्रक्रिया suitable है या नहीं।

  3. सुरक्षा: यह प्रक्रिया सुरक्षित होती है अगर डॉक्टर की सलाह से और सही तरीके से किया जाए। Unsafe conditions में या बिना डॉक्टर की guidance के गर्भपात करने से complications हो सकते हैं।

  4. प्रक्रिया की अवधि: मेडिकल गर्भपात का process कुछ दिनों तक चलता है। Mifepristone को clinic में लिया जाता है और फिर महिला को घर पर misoprostol लेना होता है, जिसके बाद bleeding शुरू हो जाती है और गर्भ निकल जाता है।

  5. फॉलो-अप विजिट: मेडिकल गर्भपात के बाद महिला को follow-up visit पर जाना चाहिए जहां डॉक्टर देखेगा कि गर्भ सही तरह से निकाल गया है की नहीं |

मेडिकल गर्भपात का इस्तेमाल गलत तरीके से या बिना डॉक्टर की सलाह से नहीं करना चाहिए। इस प्रक्रिया में कुछ रिस्क हो सकते हैं जैसे कि हैवी ब्लीडिंग, इंफेक्शन, या अदूर गर्भपात। इसलिए हमेशा डॉक्टर की मार्गदर्शन और निगरानी में ही इस प्रक्रिया को करना चाहिए।

 

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