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वीर्य को रोकने से क्या होता है ? ओर 8 ऐसे रोग
राधे राधे आज हम कुछ ऐसे रोग के बारे मे बात करेंगे जिसका आपको अंदाज नहीं hoga,ये मुख्य रूप से 9 वेग है , जो रुक जाने पर बहुत ही तकलीफ का सामना कारण पड़ता है |दिनचर्या का प्रश्न है, उसमें सुबह उठने से लेकर शौचादि से निवृत्त क्रिया, दन्तधावन, तेलमालिश, व्यायाम-स्नान, भोजन, विश्राम, अध्ययन, खेल-कूद और शयन तक के सभी कार्यों का समावेश होता है। इन सभी कार्यों में ऋतु अनुसार कुछ परिवर्तन आवश्यक होते हैं। जो व्यक्ति ऋतु के अनुसार अपनी दिनचर्या को नहीं बदलते-वही रोग के शिकार हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर-सर्दियों में अधिक व्यायाम लाभप्रद होता है जबकि गर्मियों में अधिक व्यायाम हानिकारक हो जाता है
वीर्य को रोकने से क्या होता है ? ओर 8 ऐसे रोग
मल के न रोकने से उत्पन्न रोग
मल का को रोकने से मनुष्य के शरीर में कितने ही प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं, जिनमें प्रमुख हैं-प्रतिश्याय, शिरशूल, उदगार आना, हदय की गति ता बढ़ जाना, पेट का फूल जाना, उदर में वायु का गोला बन जाना, उदर पीड़ा, मूत्र में रुकावट पैदा हो जाना, कब्ज रहना, नेत्रों में भारीपन आना तथा भूख न लगने जैसे रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
मूत्र रोकने से होने वाले विकार
मूत्र के रोक लेने पर व्यक्ति के शरीर मे अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं, जैसे-शरीर में पीड़ा, पथरी, मृत्रेन्द्रिय की जड़ में दर्द, पेट में वायु के गोले का बन जाना, घबराहट, बेचैनी होना आदि। ।
अपान वायू के वेग को रोकने से होंने वाले विकार
अपान वायु के वेग को रोकने से निम्न रोगों की उत्पत्ति होती है। जैसे-पेट में अफारा, वायु का गोला बन जाना, शरीर में भारीपन और बेचैनी होना, पेट में दर्द, सिर-दर्द, उबकाई आना, दिल की धड़कन बढ़ जाना इत्यादि। ।
डकार के वेग को रोकने से उत्पन्न विकार
डकार को रोकने से व्यक्ति के शरीर में निम्न विकार उत्पन्न हो जाते हैं। जैसे-शरीर में कम्पन पैदा होना, कलेजे मे भारीपन , खासी , हिचकी , तथा पेट मे गैस ओर कहना खाने का मन न होना |
छींक को रोकने से उत्पन्न विकार
छींक को रोकने से शरीर में टूटन तथा सिर में दर्द उत्पन्न हो जाता है। ।
नींद के न आने पर उत्पन्न विकार
नींद न आने से व्यक्ति का सिर चकराने लगता है, शरीर भारी हो जाता है। आंखें मे डार्क किरकल आने लगते हैं। शरीर दर्द करने लगता है ओर जंभाई आने लगता है | इस काराण हमे जल्दी सोना ओर उठना चाहिए है |
खांसी को रोकने से उत्पन्न रोग
खांसी को रोकने पर व्यक्ति की श्वांस तेज हो जाती है और दिल की धड़कन बढ जाती है। ओर कुछ लोगों का कहना है की धड़कन की गति धीमी हो जाती है |
जंभाई को रोकने से उत्पन्न वियकर
व्यक्ति यदि जंभाई रोक ले तो उसके सिर मे दर्द , हाथ-पैरों में कमजोरी, गर्दन या मुंह टेढ़ा हो जाता है।
वीर्य को रोकने से क्या होता है ?
व्यक्ति यदि अपने वीर्य को रोक लेता है तो उसके उण्डकोश ओर शरीर मे पीड़ा शुरू हो जाती है | हदय मे दर्द , ज्वर, मूत्र अवरोध , शरीर के अंगों मे टूटन , अंड का बढ़ना तथा नपुंसकता आदि का रोग उत्पन्न हो जाता है |
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